श्रवण भक्ति का अर्थ
[ sherven bhekti ]
श्रवण भक्ति उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- नवधा भक्ति का एक भेद जिसमें भक्त अपने आराध्य देव की कथा या चरित्र आदि सुनता है:"मेरी माँ की भक्ति का आधार श्रवण है"
पर्याय: श्रवण
उदाहरण वाक्य
- भागवत में नवदा भक्ति का वर्णन करते हुए श्रवण भक्ति को प्रथम भक्ति कहा गया है।
- श्रवण = श्री भगवान् के नाम स्वरुप , गुण और लीलाओं का प्रभाव सहित प्रेम पूर्वक राजापरिक्षित और प्रेत आत्मा धुंधकारी के अनुसार सुनने का नाम ही श्रवण भक्ति है।
- श्रवण भक्ति मे महाराज परीक्षित् कीर्तन मे शुकदेवजी स्मरण मे प्रह्लादजी पादसेवन मे श्रीलक्ष्मीमाँ पूजन मे महाराज पृथु वन्दन मे श्री अक्रूरजी दास्यभक्ति में श्रीहनुमानजी सख्यभक्ति मे धनुर्धर पार्थ आत्मनिवेदन मे महाराज बलि अग्रगण्य माने गये है ।
- जो लोग भगवान की प्रेमपूर्वक सेवा कर रहे हैं , भगवान के बारे में सुनते आ रहे हैं , श्रवण भक्ति कर रहे हैं वो लोग जानते हैं कि मै जो कुछ भी कर रहा हूँ वो भगवान की दी हुई शक्ति की वजह से कर रहा हूँ .
- जो लोग भगवान की प्रेमपूर्वक सेवा कर रहे हैं , भगवान के बारे में सुनते आ रहे हैं , श्रवण भक्ति कर रहे हैं वो लोग जानते हैं कि मै जो कुछ भी कर रहा हूँ वो भगवान की दी हुई शक्ति की वजह से कर रहा हूँ .